Top Songs By Satish Dehra
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Satish Dehra
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Satish Dehra
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Parmparik
Lyrics
Lyrics
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय-जय हनुमान)
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि
बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवनकुमार
बल, बुधि, विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार
(सियापण रामचंद्र की जय)
(पवनसुत हनुमान की जय)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय-जय हनुमान)
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीश तिहुँ लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
महावीर विक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
(सबकी चिंता हरने वाले संकट मोचन जय हनुमान)
हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै
काँधे मूँज जनेऊ साजै
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
राम लखन सीता मन बसिया
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
(सबकी चिंता हरने वाले संकट मोचन जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय-जय हनुमान)
सूक्ष्म रूप धरी सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचन्द्र के काज सँवारे
रामचन्द्र के काज सँवारे
लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुवीर हरषि उर लाए
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिक्पाल जहाँ ते
कबी कोबिद कहि सकैं कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राजपद दीन्हा
राम मिलाय राजपद दीन्हा
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
(सबकी चिंता हरने वाले संकट मोचन जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय-जय हनुमान)
तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना
लंकेश्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डरना
तुम रक्षक काहू को डरना
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनौं लोक हाँक ते काँपे
भूत पिशाच निकट नहिं आवै
महावीर जब नाम सुनावै
महावीर जब नाम सुनावै
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोहि अमित जीवन फल पावै
सोहि अमित जीवन फल पावै
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
(सबकी चिंता हरने वाले संकट मोचन जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय हनुमान)
(जय-जय हनुमान)
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे
असुर निकंदन राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
अस बर दीन्ह जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
सदा रहो रघुपति के दासा
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
(जय हनुमान, जय हनुमान, जय बजरंगी, जय हनुमान)
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुःख बिसरावै
अंत काल रघुबर पुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई
और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्व सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो शत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई
छूटहि बंदि महा सुख होई
जो यह पढे हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा
पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप
Writer(s): Traditional, Deepesh Desai
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