Lyrics
ओस की बूँदें जैसे पिघले
दिल ये पिघलता है
देखे तुम्हें जब एक ना माने
तुझमें ही खोता है
पलकें झुके, साँस रुके
जब तू क़रीब आ जाए
ਜਾਣੀਏ, दिल तूने छुआ है सौ मरतबा
ਜਾਣੀਏ, दिल तूने छुआ है सौ मरतबा
दास्ताँ जो लिखूँ अपनी
पन्ने रंग जाएँगे रेशमी
साथ अगर तू चल दे मेरे
हर सफ़र हो जाएगा हसीं
आ, क्यूँ थम गया है ये लम्हा दरमियाँ?
इस लम्हें को खुल के जी ले ज़रा
छू ले जो तू, दिल को सुकूँ
होश भी गुम हो जाए
ਜਾਣੀਏ, दिल तूने छुआ है सौ मरतबा
Writer(s): Mohammed Moinuddin
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