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Credits

PERFORMING ARTISTS
Shankar Mahadevan
Shankar Mahadevan
Vocals
Ajay
Ajay
Vocals
Mahesh V. Manjrekar
Mahesh V. Manjrekar
Conductor
COMPOSITION & LYRICS
Ajay-Atul
Ajay-Atul
Composer
PRODUCTION & ENGINEERING
Sangeeta Ahir
Sangeeta Ahir
Producer

Lyrics

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायक फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन बिद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर बिद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सँवारे जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय लाय संजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेश्वर भय सब जग जाना तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेश्वर भय सब जग जाना जुग सहस्त्र योजन पर भानू जुग सहस्त्र योजन पर भानू लील्यो ताहि मधुर फल जानू प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लाँघि गए अचरज नाही दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डर ना आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक ते काँपै, हो-ओ भूत पिशाच निकट नहि आवै महाबीर जब नाम सुनावै नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय संकट तें हनुमान छुड़ावै मन क्रम बचन ध्यान जो लावै संकट तें हनुमान छुड़ावै मन क्रम बचन ध्यान जो लावै सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा और मनोरथ जो कोई लावै और मनोरथ जो कोई लावै सोई अमित जीवन फल पावै चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा साधु संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा तुम्हरे भजन राम को पावै जनम-जनम के दुख बिसरावै अंतकाल रघुवर पुर जाई जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई और देवता चित्त ना धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा जै जै जै हनुमान गोसाई कृपा करहु गुरु देव की नाई जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होई जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर (पवन तनय संकट हरन) जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर (मंगल मूरति रूप) जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर (राम लखन सीता सहित) जय कपीस तिहुँ लोक उजागर जय हनुमान ज्ञान गुन सागर (हृदय बसहुँ सुर भूप) जय कपीस तिहुँ लोक उजागर, जय
Writer(s): Traditional, Anil Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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