Lyrics

ज़िंदगी जैसी तमन्ना थी, नहीं कुछ कम है ज़िंदगी जैसी तमन्ना थी, नहीं कुछ कम है हर घड़ी होता है एहसास, कहीं कुछ कम है ज़िंदगी जैसी तमन्ना थी, नहीं कुछ कम है घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है अपने नक़्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है अपने नक़्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है बिछड़े लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगी बिछड़े लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगी दिल में उम्मीद तो काफ़ी है, यक़ीं कुछ कम है दिल में उम्मीद तो काफ़ी है, यक़ीं कुछ कम है अब जिधर देखिए, लगता है कि इस दुनिया में अब जिधर देखिए, लगता है कि इस दुनिया में कहीं कुछ चीज़ ज़ियादा है, कहीं कुछ कम है ज़िंदगी जैसी तमन्ना थी, नहीं कुछ कम है हर घड़ी होता है एहसास, कहीं कुछ कम है
Writer(s): Singh Jagjit, Shahryar Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out