Lyrics

चाँद चमका है चाँदनी के लिए चाँद चमका है चाँदनी के लिए ये भी जीना हुआ किसी के लिए? चाँद चमका है... बंद आँखें करो, गले भी मिलो बंद आँखें करो, गले भी मिलो मौत आई है ज़िंदगी के लिए चाँद चमका है... किसके आँसू गिरे क़फ़न पे मेरे? किसके आँसू गिरे क़फ़न पे मेरे? कौन रोया है अजनबी के लिए? चाँद चमका है... मेरे दुश्मन ही जानते हैं ये मेरे दुश्मन ही जानते हैं ये कितना तरसा हूँ दोस्ती के लिए चाँद चमका है चाँदनी के लिए चाँद चमका है चाँदनी के लिए ये भी जीना हुआ किसी के लिए? चाँद चमका है... चाँद चमका है... चाँद चमका है... चाँद चमका है...
Writer(s): Manhar, Sheikh Adam Aboowala Lyrics powered by www.musixmatch.com
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