Lyrics

क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? हँसती आँखों में झाँक कर देखो हँसती आँखों में झाँक कर देखो हँसती आँखों में झाँक कर देखो कोई आँसू कहीं छुपा होगा कोई आँसू कहीं छुपा होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? इन दिनों ना-उम्मीद सा हूँ मैं इन दिनों ना-उम्मीद सा हूँ मैं शायद उसने भी ये सुना होगा शायद उसने भी ये सुना होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? देखकर तुमको, सोचता हूँ मैं देखकर तुमको, सोचता हूँ मैं देखकर तुमको, सोचता हूँ मैं क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा? कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा क्यूँ डरें, ज़िंदगी में क्या होगा?
Writer(s): Javed Akhtar, Jagjit Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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