Lyrics

है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना मेरे गुलसिताँ का सब कुछ तेरा सिर्फ़ मुस्कुराना है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना मेरे गुलसिताँ का सब कुछ तेरा सिर्फ़ मुस्कुराना है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना ये खुले-खुले से गेसू उठे जैसे बदलियाँ सी ये झुकी-झुकी निगाहें गिरे जैसे बिजलियाँ सी तेरे नाचते क़दम में है बहार का ख़ज़ाना है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना तेरा झूमना-मचलना ये नज़र बदल-बदल के मेरा दिल धड़क रहा है, तू लचक सँभल-सँभल के कहीं रुक ना जाए ज़ालिम इसी मोड़ पर ज़माना है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना मेरे गुलसिताँ का सब कुछ तेरा सिर्फ़ मुस्कुराना है कली-कली के लब पर तेरे हुस्न का फ़साना
Writer(s): Kaifi Azmi, Mohammed Zahur Khayyam Lyrics powered by www.musixmatch.com
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