Lyrics

कोई ना हो इस जग में, दाता, आँखों से मजबूर दुनिया में रहकर भी हम हैं इस दुनिया से दूर आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा, जिनसे जग उजियारा अँधों पर क्या गुज़रे, ये क्या जाने आँखों वाला आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा बाबा, बाबा, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा औरों की तो रात अँधेरी, अपना दिन भी अँधेरा औरों की तो रात अँधेरी, अपना दिन भी अँधेरा हम हैं जहाँ पर उस दुनिया में कभी ना हुआ सवेरा सूरज, चाँद, सितारे, सबको... सूरज, चाँद, सितारे, सबको देखा हमने काला आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा बाबा, बाबा, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा क़दम-क़दम पर ठोकर खाएँ, राह चली ना जाए क़दम-क़दम पर ठोकर खाएँ, राह चली ना जाए फ़िरते हैं अपने कँधे पर अपनी लाश उठाए जीवन भी इक बोझ बना है... जीवन भी इक बोझ बना है, कब तक जाए सँभाला? आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा बाबा, बाबा, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा कब तक यूँ ही सहते जाएँ दुनिया के तानों को? नूर तो छीना, दाता, बहरा भी कर दे कानों को देख लिया जी भरके हमने तेरा खेल निराला, तेरा खेल निराला देख लिया जी भरके हमने तेरा खेल निराला आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा बाबा, बाबा, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा, जिनसे जग उजियारा अँधों पे क्या गुज़रे, ये क्या जाने आँखों वाला आँखें बड़ी हैं नेमत, बाबा
Writer(s): Ravi Shankar Sharma, Prem Dhawan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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