Lyrics

छा गए बादल नील गगन पर घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले देख के मेरा मन बेचैन देख के मेरा मन बेचैन रैन से पहले हो गई रैन आज हृदय के स्वप्न फले घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले रूप की संगत और एकांत रूप की संगत और एकांत आज भटकता मन है शांत कह दो समय से थम के चले घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले छा गए बादल नील गगन पर घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले अँधियारों की चादर तान अँधियारों की चादर तान इक होंगे दो व्याकुल प्राण आज ना कोई दीप जले घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले छा गए बादल नील गगन पर घुल गया कजरा, साँझ ढले घुल गया कजरा, साँझ ढले
Writer(s): Roshan, Ludiavani Sahir Lyrics powered by www.musixmatch.com
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