Listen to Mai Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha by Mohd. Rafi

Mai Zindagi Mein Hardam Rota Hi Raha

Mohd. Rafi

Bollywood

198 Shazams

Lyrics

मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ उम्मीद के दीए बुझे, दिल में है अँधेरा उम्मीद के दीए बुझे, दिल में है अँधेरा जीवन का तो साथी ना बना कोई भी मेरा जीवन का तो साथी ना बना कोई भी मेरा फिर किस के लिए... फिर किस के लिए आज मैं जीता ही रहा हूँ? मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना रह-रह के हँसा है मेरी हालत पे ज़माना क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी ना जाना क्या दुख है मुझे ये तो किसी ने भी ना जाना ख़ामोश... ख़ामोश मोहब्बत लिए फिरता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ आई ना मुझे रास मोहब्बत की फ़िज़ाएँ आई ना मुझे रास मोहब्बत की फ़िज़ाएँ शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएँ शरमाई मेरी आँख से सावन की घटाएँ लहरों में सदा... लहरों में सदा ग़म की मैं बहता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ रोता ही रहा हूँ, तड़पता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat Lyrics powered by www.musixmatch.com
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